ख़रीद फ़रोख़à¥à¤¤ का ज़माना है, यारों और इस दौर में सब कà¥à¤› बिकाऊ है । बस ख़रीदने वाला à¤à¤• अचà¥à¤›à¤¾ सा गà¥à¤°à¤¾à¤¹à¤• चाहिये । ज़रा से हाथ-पाà¤à¤µ मारो, à¤à¤• दो इशà¥à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤° छपवा दो बड़े से किसी अख़बार में – बस, गà¥à¤°à¤¾à¤¹à¤• अपने आप खिंचा चला...